The bihar 24 news
16 दिसम्बर 2024
हवाई दावे और वादे के पोषक हैं तेजस्वी: विजय कुमार सिन्हा
गोली और गाली का विकल्प देने वाले आज विकास के वादे कर रहे : विजय कुमार सिन्हा
महिला उत्पीड़न के अगुवा आज महिला कल्याण की बात कर रहे : विजय कुमार सिन्हा
NDA सुशासन के कारण ही विकास की बात करने पर मजबूर हुए तेजस्वी: विजय कुमार सिन्हा
तेजस्वी के लिए राजनीति ‘कमिटमेंट’ नहीं ‘इंटरटेनमेंट’ है : विजय कुमार सिन्हा
पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि वादे का का पिटारा लेकर ‘ट्विटर बॉय’ तेजस्वी ने जनता को दर्शन दिया है । उन्होंने बिहार की महिलाओं से वादा किया है कि उनकी सरकार बनी तो 2500 रुपया महीना महिलाओं को देंगे । लेकिन जब उनसे पूछा गया कि किन महिलाओं को देंगे,उसका आधार क्या होगा तो कुछ बोल नहीं पाए । क्योंकि उनको अच्छे से पता है कि वो हवाई संस्कृति वाले शहजादे हैं । केवल हवा-हवाई दावे और वादे करना उनका काम है । जिसका कोई तार्किक और व्यवहारिक आधार नहीं होता । वास्तव में इनके लिए राजनीति ‘कमिटमेंट’ नहीं है बल्कि ‘एंटरटेनमेंट’ है ।
श्री सिन्हा ने आगे कहा कि तेजस्वी भूल गए हैं पर बिहार के लोग नहीं भूले हैं कि इनका पूरा परिवार महिलाओं के बारे में कैसी सोच रखता है । अभी हाल में इनके पिताजी के एक बयान में भी उसकी झलक लोगों ने देखी । और जब इनके माता-पिता का शासन था तब तो हमारी माँ-बहनें घर से निकलने से कतराती थीं । IAS अधिकारी तक के घर की महिलाएं उस दौर में असुरक्षित थीं ।
श्री सिन्हा ने कहा कि वास्तविकता यह है कि हमारी NDA की सरकार ने महिलाओं की शिक्षा, सुरक्षा और सामाजिक स्थिति को बहुमुखी तरीके से सुधारने का प्रयास किया । उन्हीं प्रयासों के कारण महिलाएं आज शिक्षा और रोजगार में राज्य में एक-तिहाई से अधिक का योगदान दे रही हैं । पंचायती राज व्यवस्था में आज उनकी भागीदारी 50 प्रतिशत से भी अधिक हो चली है ।
श्री सिन्हा ने कहा यही नहीं एक दौर में पलायन के लिए विवश बिहारी आज न केवल अपने घर में सुरक्षित है बल्कि राज्य को आगे बढ़ाने में सार्थक योगदान दे रहे हैं । गोली और गाली के दोधारी विकल्प से जूझने को मजबूर हमारे युवा विकसित बिहार बनाने के सपनों के साथ विकासपथ पर चल रहे है | मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि यह भाजपा और NDA की ही देन है कि बिहार की राजनीति में विकास एक मुद्दा बना है । ‘तेल पिलावन लाठी भजावन’ का नारा देने वाले भी आज रोजगार, विकास और अवसंरचना पर बात करने को मजबूर हुए हैं ।
पटना से निशा चौहान की रिपोर्ट